कॉलेज में एक लड़का एक लड़की से बेइंतहा प्यार करने लगा।

कॉलेज में एक लड़का एक लड़की से बेइंतहा प्यार करने लगा। हिम्मत जुटाकर उसने अपने दिल की बात कहने का फैसला किया और एक प्रेम पत्र लिखा। पत्र में उसने लिखा, “अगर तुम भी मुझसे प्यार करती हो तो कल लाल रंग की ड्रेस पहनकर आना।” उसने यह पत्र लड़की को उसकी किताब में रखकर दिया।

अगले दिन, लड़के की नजरें लड़की पर टिकी थीं, लेकिन लड़की लाल नहीं, पीले रंग की ड्रेस पहनकर आई। उसने वही किताब लड़के को वापस कर दी। यह देखकर लड़के का दिल टूट गया और वह बेहद उदास रहने लगा।

कुछ समय बाद, लड़की की शादी हो गई। लड़का अकेला और गुमसुम रहने लगा। एक दिन जब वह सफाई कर रहा था, तो वही किताब हाथ में आई। किताब गिरते ही उसमें से एक चिट्ठी बाहर निकल पड़ी।

उस चिट्ठी में लिखा था:
“मुझे तुम पसंद हो। अगर तुम मुझसे सच में प्यार करते हो तो मेरे घरवालों से बात करो। अगर वे न मानें, तो मैं तुम्हारे साथ घर छोड़कर भागने के लिए तैयार हूं। और हां, मैं एक गरीब लड़की हूं। मेरे पास लाल रंग की ड्रेस नहीं है। सॉरी।”

यह पढ़ते ही लड़के ने अपना सिर पकड़ लिया और अपनी किस्मत को कोसने लगा। उसे एहसास हुआ कि अगर उसने समय रहते किताब को खोलकर देखा होता, तो शायद उसकी जिंदगी कुछ और होती।

सीख: यह कहानी हमें सिखाती है कि जिंदगी में रिश्तों और संवाद की अहमियत को समझना चाहिए। और हां, अपनी पुरानी किताबों को समय-समय पर जरूर खोलकर देख लेना चाहिए, क्योंकि कौन जानता है, उनमें जिंदगी का कोई अहम सबक छिपा हो!

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