पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान को पाठ सिखाने के लिए सिंधु जल संधि को स्थगित करने का निर्णय लिया है। लेकिन क्या भारत एक ही रात में तीन नदियों का पानी रोक सकता है? यह समझना आवश्यक है कि सिंधु जल संधि को समाप्त करना इतना आसान नहीं है।
पानी रोकने की चुनौती
भारत के पास वर्तमान में पर्याप्त आधारभूत संरचनाएं नहीं हैं जो पाकिस्तान तक पहुँचने वाले पानी को रोक सकें। बांध बनाकर या पानी को रोककर ऐसा करने से जम्मू-कश्मीर और पंजाब राज्यों में भीषण बाढ़ आ सकती है।
वर्तमान परियोजनाएं
भारत ने तीन नदियों पर चार परियोजनाओं की योजना बनाई है, जिनमें से दो परियोजनाएं चालू हैं और दो की निर्माण प्रक्रिया चल रही है। इन परियोजनाओं के पूरा होने में काफी समय लग सकता है।
पाकिस्तान पर प्रभाव
यदि भारत चिनाब, झेलम और सिंधु नदियों का पानी रोक देता है, तो पाकिस्तान में अराजकता फैल सकती है। पाकिस्तान की कृषि भूमि सूख जाएगी, पीने के पानी और बिजली परियोजनाओं को बड़ा झटका लगेगा। भारत के इस कदम से पाकिस्तान को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ सकता है।
कानूनी लड़ाई
पाकिस्तानी नेताओं का कहना है कि भारत सिंधु जल संधि के तहत मिलने वाले पानी को एक ही रात में नहीं रोक सकता, इसलिए उनके पास भारत के इस निर्णय के विरुद्ध कानूनी लड़ाई लड़ने के लिए पर्याप्त समय है।