विश्व का सबसे बड़ा आर्थिक आयोजन बना ‘महाकुंभ’
महाकुंभ आज का आखरी दिन
कुंभ मेला हिंदू धर्म का एक बहुत बड़ा और महत्वपूर्ण धार्मिक आयोजन है जो हर 12 साल पर लगता है। इस बार महाकुंभ प्रयागराज में लगा है जिसकी शुरुआत 13 जनवरी से हो चुकी है, जिसका समापन 26 फरवरी को होगा। महाकुंभ का हर दिन खास रहा, कभी करोड़ो लोगों की भीड़ यहां पहुंची, तो कभी पंडालों में आग लगी, कभी संगम में डुबकी लगाने की आस लिए कई रेलवे स्टेशनों पर मारपीट हुई तो किसी ने महाकुंभ के पंडाल में ही हत्या कर अपने सर पाप ले लिया। यहां कई लोगों ने अपनों को खोया तो कुछ लोगों ने अपनों को पाया भी, सुनने में यह बिलकुल वैसा ही है, जैसा हम अपनी दादा-दादी या नाना-नानी से कुंभ की कहानियों में सुनते थे।
आईये आज हम आपको महाकुंभ की उन महत्वपूर्ण घटनाओं के बारें में बताएंगे, जिन्हें न तो हम भूल सकते है, और ना ही योगी सरकार ….
- योगी सरकार के राज में हुए इस महाकुंभ के आयोजन में छोटी-बड़ी मिलाकर आग की पांच घटनाएं घटी। 19 जनवरी को रेलवे ब्रिज के नीचे सेक्टर 19 में गीताप्रेस शिविर में आग लग गई थी। जहां करीब 250 से ज्यादा टेंट जलकर राख हो गए थे। अग्निकांड में कोई हताहत नहीं हुआ था, लेकिन लाखों का सामान जलकर खाक हो गया था। घटना वाले दिन सीएम योगी महाकुंभ में ही थे। इसके बाद 7 फरवरी को सेक्टर 18 में इस्कान शिविर में आग लग गई थी। इससे 15 से 20 टेंट जलकर राख हो गए थे। सेक्टर 22 में भी आग की चपेट में आकर 10 से 15 टेंट जलकर राख हो गए थे।
- वहीं मौनी अमावस्या स्नान के दिन संगम नोज पर अचानक भीड़ पहुंचने से भगदड़ मच गई थी। संगम नोज पर मची भगदड़ में 30 लोगों की मौत हो गई थी। और 90 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे। कुछ मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार मौतों का आंकड़ा 50 से ऊपर था, लेकिन इसे दबाया जा रहा है, वहीं इस मामले में लोकसभा में भारी हंगामा हुआ था, जहां योगी सरकार पर कई आरोप लगे थे। जिसकी जांच की जा रही है। वहीं 15 फरवरी को नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर प्रयागराज महाकुंभ जाने वाली स्पेशल ट्रेन की गलत अलाउंसमेंट के बाद प्लेटफॉर्म पर भगदड़ मचने से 18 लोगों की मौत की खबर ने हम सबको रूला दिया था।
- वहीं, महाकुंभ में फैमस हुए आईआईटी बाबा के साथ कई संत महात्मा वायरल हुए, जिन्होंने कुछ अच्छा तो कुछ बुरा भला कहकर अपनी फैन फालोविंग बढ़ाई। वहीं आपको याद हो तो महाकुंभ पहुंची ममता कुलकर्णी के महामंडलेश्वर बनने पर विवाद हो गया था। किन्नर अखाड़ के संस्थापक अजय दास ने ममता कुलकर्णी और लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को निष्कासित कर दिया था। इतना ही नहीं, महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंदगिरी महाराज की शिष्या बताने वाली हर्षा रिछारिया ने खुद को साध्वी कह दिया तो बवाल मच गया था। अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रवींद्र पुरी ने सवाल खड़े किए थे। वहीं, मप्र के महेश्वर की माला बेचने वाली मोनालिसा जिसकी खूबसूरत नीली आंखों ने हर किसी को दिवाना बना दिया था, उसका तो फ्यूचर ही बॉलीवुड की ओर मुड़ गया।
- जब हर कोई लाइमलाइट में रहना चाहता है तो राजनेता कैसे पीछे रह सकते है। इस बार महाकुंभ में देश-विदेश से कई बड़े नेताओं ने डुबकी लगाकर अपने पाप धोने की कोशिश की। भाजपा सरकार के राजा प्रधानंत्री मोदी से लेकर कांग्रेस भाजपा के विधायकों ने भी अपने पापों का नाश करने के लिए डुबकी लगाई। इस मौके पर कई बालीवुड के सुपरस्टार भी पहुंचे, जो वीवीआईपी की एंट्री लेकर महाकुंभ का आनंद लेते नजर आए। वहीं दूसरी ओर आम आदमी प्रयागराज की बॉडर पर 2-4 दिनों तक ट्राफिक में फंसा रहा। जबकि अमीर लोगों को कोई तकलिफ नहीं हुई। मुकेश अंबानी हो या अक्षय कुमार, या फिर कैटरीना कैफ जितने भी वीवीआईपी लोग महाकुंभ के संगम स्थल पर पहुंचे उन्हें जरा भी तकलिफ नहीं हुई।
- जहां एक ओर प्रयागराज की धरती पर महाकुंभ में अपने पाप धो रहे थे, वहीं दूसरी ओर एक पति ने अपनी पत्नी की हत्या कर महापाप किया। दिल्ली के अशोक वाल्मीकि ने महाकुंभ में पत्नी मीनाक्षी की हत्या कर दी और बच्चों से कहा कि वह खो गई है। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। हत्या की वजह अवैध संबंध था।
खैर, इसकी के साथ आज महाकुंभ का भी समापन हो ही गया, अब मिलते है, अगले कुंभ में जो होने जा रहा है उज्जैन महाकाल की नगरी में, जहां मोहन यादव की सरकार व्यवस्था करेंगी, अब देखना यह होगा कि क्या यह व्यवस्था आम जनता को पंसद आएंगी या वहां भी भेदभाव ही देखने को मिलेंगा।