यूनियन कार्बाइड कचरे के मुद्दे पर कई सवाल उठ रहे हैं। सबसे पहले, यह सवाल है कि अगर यह कचरा जहरीला नहीं था, तो इसका निस्तारीकरण भोपाल के पास ही क्यों नहीं किया जा सकता था? इसके अलावा, क्या सुप्रीम कोर्ट के पास यह तथ्य रखा गया था कि अब इस कचरे में कुछ भी जहरीला नहीं है? ¹
एक और सवाल यह है कि अगर इस कचरे को जलाना ही था, तो भोपाल के पास ही कोई नई इन्सिलरी बना लेते? इससे न केवल पर्यावरण को बचाया जा सकता था, बल्कि स्थानीय लोगों को भी रोजगार मिल सकता था।
इसके अलावा, लोग यह भी सोच रहे हैं कि कहीं यह राजनीतिक कदम तो नहीं है? क्या सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के सामने इंदौर की जन भावनाओं का पहलू रखा था? और क्या पर्यावरणविदों से विचार विमर्श कर इस कचरे को जमीन के नीचे नहीं दफनाया जा सकता था? ¹
इन सभी सवालों के जवाब ढूंढने की जरूरत है ताकि हम यह समझ सकें कि यूनियन कार्बाइड कचरे के मुद्दे पर सरकार और अदालतों ने क्या कदम उठाए हैं।