मध्य प्रदेश में शराब पीने वालों के लिए बुरी खबर है। इस बार शराब के ठेकों की नीलामी से सरकार को भारी राजस्व मिला है, जिसका सीधा असर शराब की कीमतों पर पड़ने वाला है। शराब के दाम 10% तक बढ़ सकते हैं, क्योंकि ठेकेदार ऊंची बोली की भरपाई ग्राहकों से करेंगे। खबर आने के बाद से सोशल मीडिया पर इस मामले की खूब चर्चा हो रही है। वहीं सोशल मीडिया पर यूजर्स ने पूछा कि- तो क्या अब अन्य प्रदेशों में जाकर पीनी होगी शराब?
VAT बढ़ने की संभावना
सरकार शराब पर लगने वाले VAT में भी बढ़ोतरी पर विचार कर रही है। अभी 350 रुपये प्रति प्रूफ लीटर की दर से VAT लिया जाता है, जिसे बढ़ाकर 385 रुपये प्रति प्रूफ लीटर किया जा सकता है। इसका मतलब है कि शराब की हर बोतल पर अब और ज्यादा खर्च करना पड़ेगा।
राजस्व में 23% की बढ़ोतरी
प्रदेश के आबकारी विभाग ने इस साल शराब के ठेकों से पिछली बार की तुलना में 23% ज्यादा राजस्व जुटाया है। सरकार के लिए यह अच्छी खबर है, लेकिन शराब पीने वालों की जेब पर इसका बोझ बढ़ना तय है। ठेकेदार बढ़ी हुई बोली की भरपाई सीधे ग्राहकों से करेंगे।
मनमानी कीमतों पर रोक
हालांकि, सरकार ने साफ कर दिया है कि शराब कंपनियां अपनी मर्जी से मनमाने दाम नहीं बढ़ा पाएंगी। कीमतों में बदलाव पर आबकारी विभाग की पूरी नजर रहेगी, ताकि कंपनियां अनुचित लाभ न कमा सकें।
21 जिलों में नीलामी पूरी, 31 बाकी
अब तक 21 जिलों में शराब ठेकों की नीलामी पूरी हो चुकी है, जिसमें 81 समूहों ने ठेके लिए हैं। हालांकि, जबलपुर और दमोह जैसे जिलों में अभी भी ठेके नहीं उठ पाए हैं। ऐसे में विभाग ई-टेंडरिंग और बिडिंग जैसे विकल्पों पर विचार कर रहा है।
क्या बढ़ेंगी शराब की कीमतें?
ठेकों की ऊंची बोली और VAT बढ़ने की संभावना को देखते हुए शराब के दाम बढ़ना लगभग तय है। ऐसे में शराब प्रेमियों को अपनी जेब पर ज्यादा भार सहना पड़ सकता है। सरकार के बढ़ते राजस्व के साथ जनता पर इसका सीधा असर पड़ने वाला है।
मध्य प्रदेश की नई शराब नीति के बारे में ज़रूरी बातें-
- 1 अप्रैल से मध्य प्रदेश में धार्मिक शहरों में शराब की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया जाएगा।
- उज्जैन, ओंकारेश्वर, महेश्वर जैसे प्रमुख धार्मिक स्थलों पर शराब की बिक्री पर प्रतिबंध लगाया जाएगा।
- कम अल्कोहल वाले पेय बार खोले जाएंगे।
- इन बार में बीयर, वाइन और रेडी-टू-ड्रिंक अल्कोहल युक्त पेय पदार्थ ही पीने की अनुमति होगी।
- इन बार में स्प्रिट का सेवन पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा।
- शहर से सटे ग्रामीण इलाकों में होटलों को भी बार लाइसेंस देने का प्रावधान किया गया है।