केंद्र सरकार देश में ‘यूनिवर्सल पेंशन स्कीम’ लाने की तैयारी कर रही है, जिससे उन सभी नागरिकों को पेंशन का लाभ मिलेगा जो अब तक इससे वंचित थे। यह योजना खासतौर पर असंगठित क्षेत्र के मजदूरों, गिग वर्कर्स और स्वयं-नियोजित लोगों के लिए होगी।
क्यों लाई जा रही है यह नई पेंशन स्कीम?
वर्तमान में भारत में कई पेंशन योजनाएं हैं, लेकिन वे केवल कुछ खास वर्गों तक सीमित हैं। इस नई योजना का मकसद देश के हर नागरिक को पेंशन सुरक्षा देना है। निर्माण श्रमिक, घरेलू कामगार, स्ट्रीट वेंडर और गिग वर्कर्स को पेंशन का लाभ देना इस स्कीम का मुख्य उद्देश्य है।
किन-किन लोगों को मिलेगा फायदा?
यूनिवर्सल पेंशन स्कीम से असंगठित क्षेत्र के मजदूर, घरेलू कामगार और स्ट्रीट वेंडर्स, गिग वर्कर्स, स्वयं-नियोजित व्यक्ति और सभी वेतनभोगी कर्मचारियों को पेंशन का लाभ मिलेगा।
क्या सरकार करेगी योगदान?
यह एक स्वैच्छिक पेंशन योजना होगी, यानी इसमें सरकार की तरफ से कोई वित्तीय सहयोग नहीं मिलेगा। इसे राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) या कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) जैसी मौजूदा योजनाओं से अलग रखा जाएगा।
क्या एनपीएस की जगह लेगी यह स्कीम?
नई यूनिवर्सल पेंशन स्कीम मौजूदा नेशनल पेंशन स्कीम (एनपीएस) को रिप्लेस नहीं करेगी। यह एक अलग विकल्प के रूप में मौजूद रहेगी, जिससे नागरिक अपनी पसंद से इसमें निवेश कर सकें।
भारत में अभी कौन-कौन सी पेंशन योजनाएं उपलब्ध हैं?
आज की तारीख में, असंगठित क्षेत्र के लिए कई सरकारी पेंशन योजनाएं हैं, जैसे कि अटल पेंशन योजना, प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना (पीएम-एसवाईएम) और प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना।
दूसरे देशों में यूनिवर्सल पेंशन स्कीम
अमेरिका, कनाडा, चीन और यूरोप के कई देश यूनिवर्सल पेंशन स्कीम चला रहे हैं। स्वीडन, डेनमार्क, नॉर्वे, नीदरलैंड और न्यूजीलैंड जैसे देश पहले से ही अपने वरिष्ठ नागरिकों के लिए वित्तीय सुरक्षा प्रदान कर रहे हैं।